गौवंशों की सुध लेने वाला कोई नहीं, भरथना की गौशाला बनी बदहाली की मिसाल

ब्रजेश पोरवाल-एडीटर & चीफ टाइम्स ऑफ आर्यावर्त 7017774931

सूखा भूसा, गंदा पानी और टूटी झाड़ू से चल रही व्यवस्थाएं

भरथना: विकास खंड की ग्राम पंचायत कुँवरा सुजीपुर में स्थित गौशाला इन दिनों दुर्दशा और प्रशासनिक उपेक्षा का शिकार बनी हुई है। ज्ञानपुर-सहजपुर मार्ग पर स्थित यह गौशाला सरकारी कागज़ों में भले ही “सुरक्षित गौवंश आश्रय स्थल” के रूप में दर्ज हो, लेकिन हकीकत इसके एकदम उलट है। यहाँ रहने वाले करीब 60 गौवंश गंदगी, भूख और बीमारी के बीच जीवन जीने को मजबूर हैं।

गंदे पानी से बुझ रही प्यास, हरे चारे का नामोनिशान नहीं

गौशाला में दो पानी के टैंक बने हैं, लेकिन दोनों में गंदा, कीचड़युक्त पानी भरा हुआ है। इन टैंकों की सफाई लंबे समय से नहीं की गई, जिससे संक्रमण फैलने का खतरा लगातार बना हुआ है। वहीं चारे के नाम पर केवल सूखा भूसा दिया जा रहा है। न तो हरा चारा उपलब्ध कराया जा रहा है और न ही गौवंशों के पोषण पर कोई ध्यान दिया जा रहा है। ।

झाड़ू भी टूटी, सफाई व्यवस्था चरमरा गई

गौशाला की सफाई व्यवस्था पूरी तरह चरमरा चुकी है। हालात यह हैं कि बीते पंद्रह दिनों से कोई सफाई नहीं हुई, और जो एक मात्र झाड़ू है, वह भी टूटी हुई है। गौशाला के केयरटेकर रामदास ने बताया कि उन्होंने लगातार झाड़ू व सफाईकर्मी की मांग की, लेकिन अब तक कोई सुनवाई नहीं हुई। बरसात के चलते चारों ओर कीचड़ और दुर्गंध फैली हुई है। गौशाला में जगह जगह जलभराव हो चुका है।

क्या बोले खंड विकास अधिकारी
इस संबंध में जब खंड विकास अधिकारी विजय शंकर प्रसाद से बात की गई तो उन्होंने कहा, “सम्बंधित ग्राम सचिव को निर्देशित किया जाएगा, और शीघ्र ही व्यवस्थाएं दुरुस्त कराई जाएंगी। दोषियों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई होगी।

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