ब्रजेश पोरवाल-एडीटर चीफ टाइम्स ऑफ आर्यावर्त 7017774931
ऊसराहार। महामंडलेश्वर जनार्दन दास महाराज ने कहा कि अयोध्या केवल पर्यटन स्थल नहीं, बल्कि अध्यात्म की राजधानी है। यह सिद्ध संतों की सराय और विश्व की प्रथम राजधानी है, जिसे प्रथम मानव मनु स्वयं भगवान से मांगकर लाए थे। राममंदिर निर्माण के साथ अयोध्या पुनः विश्वपटल पर अपने खोए गौरव को प्राप्त कर रही है।
उन्होंने बताया कि दीपावली के आसपास श्रद्धालुओं को राममंदिर के दूसरे तल पर स्थित भव्य राम दरबार के दर्शन का सौभाग्य मिलेगा। इसके साथ ही राममंदिर में स्थापित अन्य विग्रहों के भी दर्शन शुरू हो जाएंगे।
महामंडलेश्वर जनार्दन दास महाराज रेवासा धाम (राजस्थान) में आयोजित संत सम्मेलन से लौटते समय आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे पर कुदरैल पुलिस चौकी पहुंचे। यहां कालिका माता सुंदरकांड सेवा समिति के सदस्यों ने उनका भव्य स्वागत किया।
वार्ता के दौरान उन्होंने कहा कि सनातन धर्म ही एकमात्र ऐसा धर्म है जो प्रतिदिन की प्रार्थनाओं में संपूर्ण विश्व की शांति की कामना करता है। राममंदिर निर्माण के बाद अयोध्या पर पूरे विश्व का ध्यान केंद्रित हुआ है। वर्षों की उपेक्षा के बाद अयोध्या अब अपने वैभव को पुनः प्राप्त कर रही है।
पत्थर मंदिर के महंत मनीष दास महाराज ने कहा कि राममंदिर निर्माण के बाद विदेशों में रामलीलाओं का आयोजन तेजी से बढ़ा है। हाल ही में उनकी टीम ने संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) में रामलीला का सफल मंचन किया, जहां भारी संख्या में लोगों ने भगवान राम के जीवन से प्रेरणा ली। उन्होंने मांग की कि सरकार को ग्रामीण क्षेत्रों में रामलीला को जीवंत बनाए रखने वाले लोक कलाकारों को पेंशन योजना का लाभ देना चाहिए।
इस अवसर पर संतों के स्वागत में गौरव गुप्ता, प्रशांत तिवारी, रवि, अनिल कौशल, जय गुप्ता, अनिल तिवारी, शिवम गुप्ता, अनिल गुप्ता, संदीप पाल और शिव गुप्ता सहित अनेक लोग मौजूद रहे।