ब्रजेश पोरवाल-एडीटर चीफ टाइम्स ऑफ आर्यावर्त 7017774931
भरथना। बार एसोसिएशन भरथना ने अधिवक्ताओं की आर्थिक व सामाजिक स्थिति सुधारने की मांग को लेकर शुक्रवार को कानून मंत्री उत्तर प्रदेश शासन को संबोधित छह ज्ञापन उपजिलाधिकारी भरथना काव्या सी. को सौंपा। ज्ञापन में कहा गया कि अधिवक्ता आजादी के आंदोलन से लेकर संविधान निर्माण तक हमेशा अग्रणी भूमिका में रहे हैं। वकीलों ने हमेशा माफिया, गुंडों और असामाजिक तत्वों के खिलाफ निडर होकर पैरवी की है, जिसके चलते कई बड़े-बड़े अपराधी सलाखों के पीछे पहुंचे।
एसोसिएशन ने कहा कि इस पेशे में अब अधिकांश युवा बेरोजगारी के कारण आ रहे हैं। लेकिन उम्र बढ़ने के साथ जब वकील 60 वर्ष की आयु पर पहुंचता है, तो बीमारियों का बोझ और परिवार की जिम्मेदारी उसे आर्थिक संकट में डाल देती है।वकीलों ने कहा कि पूरी जिंदगी न्याय दिलाने में खपा देने के बाद भी उन्हें सुरक्षा और सम्मान नहीं मिलता। अपराधियों से दुश्मनी मोल लेने के बाद भी सरकारें उनकी सुरक्षा पर गंभीर नहीं होतीं।
ज्ञापन में मांग की गई है कि प्रदेश में शीघ्र अधिवक्ता संरक्षण अधिनियम लागू कराया जाए और 60 वर्ष की उम्र पूरी करने वाले सभी अधिवक्ताओं को 25 हजार रुपये मासिक पेंशन दी जाए। इसके साथ ही सभी अधिवक्ताओं को 10 लाख रुपये तक कैशलेस इलाज की सुविधा देश के बड़े अस्पतालों में उपलब्ध कराई जाए तथा अधिवक्ता कल्याण निधि की धनराशि बढ़ाकर 25 लाख रुपये की जाए। नये अधिवक्ताओं को रजिस्ट्रेशन के बाद पांच वर्ष तक 10 हजार रुपये मासिक आर्थिक सहयोग दिया जाए और अधिवक्ताओं को न्यायिक अधिकारी के दर्जे के अनुरूप सड़क टोल टैक्स से मुक्त किया जाए।
ज्ञापन में एसोसिएशन ने यह भी उल्लेख किया कि कानपुर के वकीलों को पेंशन दिलाने की दिशा में कानून मंत्री द्वारा पहले किए गए आश्वासन पर अधिवक्ता आभारी हैं। बार एसोसिएशन ने स्पष्ट किया कि जब तक सरकार अधिवक्ताओं की समस्याओं पर सहानुभूतिपूर्वक विचार कर ठोस कदम नहीं उठाएगी, तब तक वकीलों की सामाजिक स्थिति और भी खराब होती जाएगी।
इस दौरान अध्यक्ष रमेश चन्द्र, महामंत्री राजीव कुमार श्रीवास्तव, सुरेश चन्द्र यादव, सुभाष चन्द्र यादव, रामपाल सिंह राठौर, महावीर यादव, राघवेन्द्र श्रीवास्तव, हरिश्चन्द्र पाण्डेय, विनोद यादव, ओमप्रकाश मिश्रा, राजकुमार तिवारी, श्री कृष्ण निराला, सुबोध यादव, कृष्ण हरी दुबे, गोविन्द मिश्रा, आदि अधिवक्ता मौजूद रहे.