ब्रजेश पोरवाल-एडीटर &चीफ टाइम्स ऑफ आर्यावर्त 7017774931
इटावा। अधिवक्ता अमित चौरसिया और उनके बड़े भाई अधिवक्ता गौरव तिवारी ने एक अहम मुकदमे में बड़ी जीत हासिल की है। सन 2005 में थाना सिविल लाइन क्षेत्र के अंतर्गत एक सरकारी शिक्षक की हत्या के मामले में मृतक की पत्नी और नाबालिग भांजे को आरोपी बनाया गया था।
अभियोजन पक्ष के अनुसार हत्या का कारण मृतक की पत्नी और भांजे के बीच अवैध संबंध बताया गया था। इस आधार पर मृतक की पत्नी को कई वर्ष पूर्व आजीवन कारावास की सजा सुनाई जा चुकी थी, जबकि सह अभियुक्त मृतक का नाबालिग भांजा किशोर न्यायिक बोर्ड, इटावा में मुकदमे का सामना कर रहा था।
सन 2015 से इस मामले में नाबालिग की पैरवी अधिवक्ता अमित चौरसिया कर रहे थे। मुकदमे की सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष ने कथित अवैध संबंध साबित करने की हरसंभव कोशिश की, लेकिन गवाहों से की गई दमदार जिरह और अभियुक्त की ओर से पेश साक्ष्यों ने अभियोजन पक्ष के दावों को कमजोर कर दिया।
वहीं, अंतिम बहस के दौरान अधिवक्ता गौरव तिवारी ने विधिक तथ्यों को मजबूती और स्पष्टता से न्यायालय के सामने रखा। उनके तर्कों से संतुष्ट होकर किशोर न्यायिक बोर्ड, इटावा ने सोमवार को मृतक के नाबालिग भांजे को संदेह का लाभ देते हुए दोषमुक्त करार दिया। इस फैसले के बाद अधिवक्ता अमित चौरसिया और अधिवक्ता गौरव तिवारी को बधाइयाँ मिल रही हैं।